वशीकरण का रहस्य :- तंत्र के एक्सपर्ट ने खोला राज
वशीकरण का रहस्य : किसी भी काम को शीघ्र करवाने के लिए लोग तंत्र-मंत्र सहारा लेते हैं। इसके लिए बंगाल काला जादू और यहां के तांत्रिकों का अक्सर नाम सामने आता है, लेकिन क्या सच में बंगाल का काला जादू इतना ताकतवर है कि तांत्रिक चाहे वह कर सकते हैं? इसको लेकर संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी बनारस से तंत्र में मास्टर डिग्री लेने वाले आचार्य मनीष द्विवेदी ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं। आचार्य द्विवेदी बताते हैं कि बंगाल में काली पीठ है, जो उग्र शक्तियों की तंत्र देवी हैं।
बंगाल के तांत्रिकों का इतिहास : वशीकरण का रहस्य
आचार्य मनीष द्विवेदी बताते हैं कि पहले के जमाने में जो तांत्रिक होते थे, वे मुख्य रूप से बंगाल में पाए जाते थे। आज के दौर में बड़े तांत्रिक बहुत कम बचे हैं। वर्तमान में छोटे-मोटे ओझा और साधक हैं जो केवल हल्की-फुल्की साधनाएं करते हुए दिखाई देते हैं। बंगाल के प्राचीन तांत्रिकों के बारे में बताते हुए आचार्य द्विवेदी ने कहा कि वे तंत्र के विभिन्न अंगों पर अलग-अलग प्रकार की क्रियाएं करते थे। यह उनके तंत्र विद्या के प्रति गहन ज्ञान और अनुशासन का प्रमाण था।
वशीकरण छह प्रकारों
1. मारण : काली विद्या के सहारे किसी को मारने का प्रयोग करना। इसमें शमशान में साधना की जाती है, मुर्दे पर हवन किया जाता है, या जलती हुई चिता पर भैंसे के रक्त को चढ़ाया जाता है। यह सबसे उग्र और खतरनाक तंत्र साधनाओं में से एक मानी जाती है।
2. मोहन : अपने प्रति किसी को आकर्षित करने के लिए इस विद्या का उपयोग होता है। इसमें उस व्यक्ति के बाल, कपड़ा आदि लेकर तंत्र साधना की जाती है। यह विधि विशेषकर प्रेम और आकर्षण के मामलों में प्रयुक्त होती है।
पुरुषों को वश में करें : वशीकरण मंत्रों की लोकप्रियता
3. वशीकरण : किसी महिला या पुरुष को वश में करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। यह तब उपयोगी होता है जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करने के लिए मजबूर करना चाहता है। इसके लिए एक पुतला बनाकर उसे कपड़े पहनाए जाते हैं और उस पुतले पर तंत्र क्रिया की जाती है।
4. स्थमबन : किसी काम को रोकने के लिए इस विद्या का प्रयोग होता है। आठ तरह के अनाज से उड़द का पुतला बनाते हैं, जिस पर शमशान क्रिया होती है। इससे उस व्यक्ति के सभी काम रुक जाते हैं। यह तंत्र विद्या किसी की प्रगति को रोकने के लिए या उसे बाधित करने के लिए उपयोगी मानी जाती है।
5. उच्चाटन : मोह भंग कर देना या मन फटा देना। इस विधि का प्रयोग किसी व्यक्ति को दूर करने के लिए किया जाता है। इसके लिए कौवे की हड्डी, कील को मिट्टी में गाड़ कर प्रयोग किया जाता है। यह विधि तब उपयोगी होती है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति से पीछा छुड़ाना चाहता है।
6. विद्वेषण : एक दूसरे में मतभेद उत्पन्न कर देना। इसके लिए बिल्ली और कुत्ते पर प्रयोग किया जाता है। इस विधि का उपयोग तब किया जाता है जब किसी समूह या व्यक्तियों के बीच मतभेद पैदा करना हो।
सिद्धि के लिए विशेष दिन
तंत्र आचार्य मनीष द्विवेदी ने बताया कि वह पिछले 20 साल से सात्विक तंत्र साधना कर रहे हैं। यह साधना मुख्य रूप से लोगों की भलाई के लिए की जाती है और इसमें किसी का अहित नहीं होता है। सात्विक तंत्र साधना के लिए कठिन तपस्या की आवश्यकता होती है। आचार्य द्विवेदी के अनुसार, ईश्वर की प्राप्ति का सबसे सुगम मार्ग सात्विक तंत्र साधना है।
साधना का प्रभाव : वशीकरण का रहस्य
आचार्य मनीष द्विवेदी ने यह भी बताया कि जो लोग तमस तंत्र साधना करते हैं, उन्हें आज नहीं तो कल इसका फल भोगना पड़ता है। तंत्र विद्या का उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है, और जो लोग थोड़े से लालच में दूसरे लोगों का बुरा करते हैं, भगवान उनके साथ बुरा करते हैं। इसलिए, तंत्र साधना करते समय सदैव सतर्क और सावधान रहना चाहिए।
मुहूर्त और नक्षत्र
सिद्धि के लिए विशेष दिन, विशेष मुहूर्त, नक्षत्र और घड़ियां होती हैं। होली, दिवाली, दशहरा और ग्रहण में मुहूर्त नक्षत्र होते हैं। इन विशेष दिनों में साधना का प्रभाव अधिक होता है और साधक को सिद्धि प्राप्त होती है। तंत्र आचार्य मनीष द्विवेदी के अनुसार, तंत्र की सच्चाई और प्रभाव को समझने के लिए इसे सही दृष्टिकोण और ईमानदारी से करना आवश्यक है।
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आधुनिक परिप्रेक्ष्य
तंत्र विद्या को कई बार अंधविश्वास और धोखाधड़ी के रूप में देखा जाता है। आचार्य मनीष द्विवेदी कहते हैं कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि तंत्र विद्या एक प्राचीन विज्ञान है, जिसे सही ढंग से और सकारात्मक उद्देश्यों के लिए उपयोग में लाया जाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि तंत्र विद्या का दुरुपयोग करने वाले लोगों को अंततः इसका दुष्परिणाम भुगतना पड़ता है।
नैतिकता और जिम्मेदारी : वशीकरण का रहस्य
तंत्र विद्या के अभ्यास के लिए नैतिकता और जिम्मेदारी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। आचार्य द्विवेदी ने बताया कि तंत्र साधना करने वाले साधकों को अपने उद्देश्यों को सदैव सकारात्मक रखना चाहिए और किसी भी प्रकार की हानि पहुंचाने वाली साधना से बचना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि तंत्र विद्या का उद्देश्य केवल आत्मसिद्धि और समाज की भलाई होना चाहिए।
मनोविज्ञान
तंत्र विद्या और मनोविज्ञान के बीच एक गहरा संबंध है। कई बार तंत्र साधनाओं का प्रभाव व्यक्ति के मनोवैज्ञानिक अवस्था पर भी पड़ता है। आचार्य मनीष द्विवेदी ने बताया कि तंत्र विद्या का उपयोग व्यक्ति की मानसिक और भावनात्मक स्थिरता को बढ़ाने के लिए भी किया जा सकता है। इसके लिए आवश्यक है कि साधक अपने मन और आत्मा को पूर्णतः शुद्ध और संतुलित रखे।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
हालांकि तंत्र विद्या को आमतौर पर आध्यात्मिक और रहस्यमय माना जाता है, लेकिन इसके पीछे वैज्ञानिक सिद्धांत भी होते हैं। आचार्य द्विवेदी ने बताया कि तंत्र की कई विधियां ऊर्जा, ध्यान और मनोविज्ञान के सिद्धांतों पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि तंत्र विद्या का अध्ययन और अनुसरण करने से व्यक्ति अपने जीवन को बेहतर बना सकता है और आत्मसिद्धि प्राप्त कर सकता है।
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समाज : वशीकरण का रहस्य
तंत्र विद्या का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है। आचार्य द्विवेदी ने बताया कि सही ढंग से की गई तंत्र साधना समाज की भलाई और सामूहिक कल्याण के लिए उपयोगी हो सकती है। उन्होंने उदाहरण दिया कि तंत्र साधना का उपयोग प्राकृतिक आपदाओं को कम करने, बीमारियों से बचाव करने और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए भी किया जा सकता है।
विद्या की शिक्षाएं : वशीकरण का रहस्य
आचार्य मनीष द्विवेदी ने बताया कि तंत्र विद्या की शिक्षाएं प्राचीन ग्रंथों और शास्त्रों में वर्णित हैं। उन्होंने कहा कि इन शिक्षाओं को सही ढंग से समझना और अपनाना आवश्यक है। तंत्र विद्या का सही ज्ञान और अभ्यास ही इसे प्रभावी बना सकता है। आचार्य द्विवेदी ने तंत्र विद्या के छात्रों को सलाह दी कि वे अपने गुरु के मार्गदर्शन में इस विद्या का अध्ययन करें और इसके गहन रहस्यों को समझें।
विद्या का भविष्य
तंत्र विद्या का भविष्य उज्ज्वल है, यदि इसे सही दिशा में और सही उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाए। आचार्य मनीष द्विवेदी ने कहा कि तंत्र विद्या को एक सकारात्मक और लाभकारी साधना के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि तंत्र विद्या का उद्देश्य केवल आत्मसिद्धि और समाज की भलाई होना चाहिए।
निष्कर्ष : वशीकरण का रहस्य
विद्या और विशेषकर वशीकरण की विधियों के रहस्यों को समझना एक जटिल और विस्तृत कार्य है। आचार्य मनीष द्विवेदी ने बंगाल के काला जादू और तंत्र विद्या के विभिन्न पहलुओं पर गहन प्रकाश डाला। तंत्र विद्या का सही और नैतिक प्रयोग व्यक्ति और समाज दोनों के लिए लाभकारी हो सकता है। इसके लिए आवश्यक है कि तंत्र साधना को सही दृष्टिकोण और ईमानदारी के साथ किया जाए। तंत्र विद्या का अध्ययन और अनुसरण करने से व्यक्ति अपने जीवन को बेहतर बना सकता है और आत्मसिद्धि प्राप्त कर सकता है।
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