25 मई से होगा नौतपा
25 मई से होगा नौतपा : प्रदेश में गर्मी अपना प्रचंड रूप दिखा रही है। हालांकि कुछ राज्यों में हुई बेमौसम बारिश लोगों को थोड़ी राहत अवश्य मिली है, लेकिन यह राहत ज्यादा समय के लिए नहीं है। मई माह में नौतपा इस बार शुरू हो जाएगा। इन 9 दिनों की अवधि में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी काफी कम हो जाएगी। इस कारण सूर्यदेव की तपिश काफी ज्यादा महसूस होगी।
इन दिनों में होगी भीषण गर्मी : 25 मई से होगा नौतपा
25 मई शुक्रवार को तड़के 3 बजकर 17 मिनट पर सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा और इसी के साथ शुरू होगा तपनकाल अर्थात नौतपा। शास्त्री प्रवीण त्रिवेदी ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र के स्वामी चंद्र देव हैं। नौतपा के दौरान सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में जाने चंद्र देव की शीतलता पर असर पड़ता है। सूर्य देव के प्रभाव की वजह चंद्रमा का प्रभाव कम हो जाता है। इसी को नौतपा कहा जाता है। आग लगने की घटनाएं अधिक हो जाती हैं।
सूर्य की रोशनी का प्रभाव
सूर्य की रोशनी अधिक होने की वजह से विषाणुओं का अंत होने लगता है। सूर्य की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिल जाती है। सूर्य देव के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही नौतपा प्रारंभ हो जाता है। ज्येष्ठ माह में 15 दिन के लिए रोहिणी नक्षत्र में आते हैं। जिसमें 9 दिन नौतपा रहता है। वैज्ञानिक दृष्टि के अनुसार मई के आखिरी सप्ताह में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी सबसे कम होती है इसलिए इस दिन भीषण गर्मी होगी।
आराधना दान पुण्य का महत्व
सूर्य देव की आराधना करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है। नौतपा के दौरान सुबह-सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने से घर के लोग स्वस्थ रहते हैं। इस दौरान जरुरतमंदों को गर्मी से बचाव की चीजों का दान देना चाहिए। सूर्य पूजा से घर-परिवार के लोग सेहतमंद रहते हैं और घर में खुशहाली आती है। नौतपा के दिनों में दान-पुण्य का विशेष महत्व है। कोशिश करें इस दौरान घर के बाहर या सड़कों पर प्याऊ लगवाएं। गर्मी में प्यासे को पानी पिलाना ही सबसे बड़ा पुण्य कार्य है। प्याऊ लगवाने से प्यासे लोगों को राहत मिलती है और यह एक उत्तम सेवा कार्य है।
विधि ज्योतिषाचार्य की सलाह : 25 मई से होगा नौतपा
पूजा के लिए प्रातः काल स्नान करके तांबे के लोटे में जल भरें और उसमें लाल फूल, चावल, और शक्कर डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय सूर्य मंत्र का जाप करें। इससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और परिवार के सभी सदस्य स्वस्थ रहते हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार नौतपा के दौरान सूर्य की पूजा करने से विशेष लाभ होता है। उन्होंने बताया कि इन दिनों में सूर्य के प्रभाव से चंद्रमा की शीतलता कम हो जाती है, इसलिए सूर्य की तपिश को कम करने के लिए उनकी आराधना करना जरूरी है। यह तपिश ही नौतपा का कारण बनती है।
सावधानियाँ
नौतपा का महत्व ज्योतिष और वैज्ञानिक दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण है। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि इन दिनों में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी कम होने से सूर्य की तपिश बढ़ जाती है। वहीं वैज्ञानिक दृष्टि से यह समय गर्मी के चरम का होता है जब तापमान सबसे ज्यादा होता है। नौतपा के दौरान बाहर जाने से बचें और यदि जरूरी हो तो सिर को ढककर रखें। खूब पानी पिएं और ठंडी चीजों का सेवन करें। घर को ठंडा रखने के लिए पर्दे खींचकर रखें और पंखों का उपयोग करें। इससे गर्मी से बचाव संभव है और स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचा जा सकता है।
कारण और प्रभाव : 25 मई से होगा नौतपा
नौतपा के दौरान सूर्य की तपिश इतनी प्रबल होती है कि इसे झेलना मुश्किल हो जाता है। नौतपा का यह समय बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह सिर्फ तापमान में वृद्धि नहीं लाता, बल्कि इससे कई प्रकार की समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। यह समय आग लगने की घटनाओं में वृद्धि का होता है, जो कई बार बहुत गंभीर हो सकता है। इसलिए इस समय सावधानी बरतना अति आवश्यक होता है।
तपिश और सेहत
सूर्य की तपिश सेहत पर भी प्रभाव डालती है। गर्मी में लू लगने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए इस समय अधिकतर लोगों को सलाह दी जाती है कि वे धूप में बाहर न निकलें। अगर बहुत जरूरी हो तो सिर को ढककर निकलें और साथ में पानी की बोतल जरूर रखें। खूब पानी पिएं और तरल पदार्थों का सेवन करें। इससे शरीर में जल की कमी नहीं होगी और लू लगने का खतरा भी कम होगा।
सूर्यदेव की पूजा और लाभ : 25 मई से होगा नौतपा
पूजा के कई लाभ होते हैं। पुराणों में कहा गया है कि सूर्यदेव की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है। सूर्य की किरणों में कई औषधीय गुण होते हैं जो शरीर के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। सूर्य की किरणें शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा करती हैं, जो हड्डियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए नौतपा के दौरान सूर्यदेव की पूजा करने से न सिर्फ आध्यात्मिक लाभ होता है, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य भी सुधरता है।
सूर्यदेव को अर्घ्य देने की विधि
अर्घ्य देने की विधि बहुत ही सरल है। प्रातः काल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। तांबे के लोटे में जल भरें और उसमें लाल फूल, चावल, और शक्कर डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय सूर्य मंत्र का जाप करें। यह मंत्र बहुत ही शक्तिशाली होता है और इसके जाप से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस विधि को नियमित रूप से करने से परिवार के सभी सदस्य स्वस्थ रहते हैं और घर में खुशहाली आती है।
दौरान दान का महत्व : 25 मई से होगा नौतपा
नौतपा के दौरान दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। इस समय जरुरतमंदों को गर्मी से बचाव की चीजें जैसे पानी, छाता, टोपी आदि का दान करना चाहिए। इससे न सिर्फ जरुरतमंदों को राहत मिलती है, बल्कि यह एक पुण्य का कार्य भी होता है। इस समय प्याऊ लगवाना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। गर्मी में प्यासे को पानी पिलाना सबसे बड़ा पुण्य कार्य माना जाता है। इससे न सिर्फ प्यासे लोगों को राहत मिलती है, बल्कि यह सेवा का एक उत्तम कार्य भी होता है।
विशेष सावधानियाँ : 25 मई से होगा नौतपा
विशेष सावधानियाँ बरतनी चाहिए। इस समय बाहर जाने से बचें और यदि जरूरी हो तो सिर को ढककर रखें। खूब पानी पिएं और ठंडी चीजों का सेवन करें। घर को ठंडा रखने के लिए पर्दे खींचकर रखें और पंखों का उपयोग करें। इससे गर्मी से बचाव संभव है और स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचा जा सकता है। इस समय खान-पान पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। अधिक तली-भुनी चीजों का सेवन न करें और हल्का खाना खाएं। इससे पेट संबंधी समस्याओं से बचा जा सकता है।
क्या करें और क्या न करें
नौतपा के दौरान कुछ विशेष कार्य करने चाहिए और कुछ से बचना चाहिए। इस समय सुबह-सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। इससे घर के लोग स्वस्थ रहते हैं। इस दौरान जरुरतमंदों को गर्मी से बचाव की चीजों का दान देना चाहिए। सूर्य पूजा से घर-परिवार के लोग सेहतमंद रहते हैं और घर में खुशहाली आती है। कोशिश करें इस दौरान घर के बाहर या सड़कों पर प्याऊ लगवाएं। गर्मी में प्यासे को पानी पिलाना ही सबसे बड़ा पुण्य कार्य है।
कुछ चीजों से बचना चाहिए। इस समय अधिक धूप में बाहर न निकलें और यदि जरूरी हो तो सिर को ढककर निकलें। खूब पानी पिएं और तरल पदार्थों का सेवन करें। घर को ठंडा रखने के लिए पर्दे खींचकर रखें और पंखों का उपयोग करें। इस समय अधिक तली-भुनी चीजों का सेवन न करें और हल्का खाना खाएं। इससे पेट संबंधी समस्याओं से बचा जा सकता है। इस समय अधिक मेहनत वाले काम न करें और आराम करें। इससे शरीर को राहत मिलेगी और गर्मी से बचाव संभव होगा।
स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव
स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव के लिए कुछ विशेष उपाय करने चाहिए। इस समय खूब पानी पिएं और तरल पदार्थों का सेवन करें। इससे शरीर में जल की कमी नहीं होगी और लू लगने का खतरा भी कम होगा। इस समय हल्का और सुपाच्य खाना खाएं। तली-भुनी चीजों से परहेज करें और ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें। इससे पेट संबंधी समस्याओं से बचा जा सकता है। इस समय अधिक मेहनत वाले काम न करें और आराम करें। इससे शरीर को राहत मिलेगी और गर्मी से बचाव संभव होगा।
आग से बचाव : 25 मई से होगा नौतपा
आग लगने की घटनाओं में वृद्धि होती है। इसलिए इस समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। इस समय आग से संबंधित सभी उपकरणों की जांच कर लें और उन्हें सही स्थिति में रखें। घर में आग बुझाने के उपकरण रखें और उन्हें सही तरीके से उपयोग करने की जानकारी रखें। इस समय बिजली के उपकरणों का सही उपयोग करें और उन्हें अनावश्यक रूप से चालू न रखें। इससे आग लगने की संभावना कम होगी और सुरक्षा बनी रहेगी।
पशुओं की देखभाल
मनुष्यों को, बल्कि पशुओं को भी विशेष देखभाल की जरूरत होती है। इस समय पशुओं को खूब पानी पिलाएं और उन्हें छाया में रखें। उन्हें धूप में बाहर न निकालें और उनके खाने-पीने का विशेष ध्यान रखें। इस समय पशुओं को हरा चारा और ताजे फल-सब्जियां खिलाएं। इससे उन्हें पोषण मिलेगा और वे स्वस्थ रहेंगे। इस समय पशुओं को ठंडी जगह पर रखें और उनके लिए छाया की व्यवस्था करें। इससे उन्हें गर्मी से राहत मिलेगी और वे स्वस्थ रहेंगे।
पेड़-पौधों की देखभाल
नौतपा के दौरान पेड़-पौधों को भी विशेष देखभाल की जरूरत होती है। इस समय पेड़-पौधों को नियमित रूप से पानी दें और उन्हें सूखने से बचाएं। इस समय पेड़-पौधों को छाया में रखें और उन्हें सीधे धूप से बचाएं। इस समय पेड़-पौधों को पोषक तत्वों की जरूरत होती है, इसलिए उन्हें खाद और पोषक तत्व दें। इससे वे स्वस्थ रहेंगे और अच्छी तरह बढ़ेंगे। इस समय पेड़-पौधों की छंटाई करें और उन्हें अच्छी तरह से सजाएं। इससे वे स्वस्थ रहेंगे और अच्छी तरह बढ़ेंगे।
ज्योतिषीय महत्व
ज्योतिषीय महत्व बहुत बड़ा है। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि इन दिनों में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी कम होने से सूर्य की तपिश बढ़ जाती है। यह समय बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह सिर्फ तापमान में वृद्धि नहीं लाता, बल्कि इससे कई प्रकार की समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। ज्योतिषीय दृष्टि से यह समय महत्वपूर्ण होता है और इसमें सूर्य की पूजा करने से विशेष लाभ होता है। सूर्यदेव की पूजा से पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
वैज्ञानिक महत्व
वैज्ञानिक महत्व भी बहुत बड़ा है। वैज्ञानिक दृष्टि से यह समय गर्मी के चरम का होता है जब तापमान सबसे ज्यादा होता है। इस समय सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी सबसे कम होती है, जिससे सूर्य की तपिश बहुत ज्यादा महसूस होती है। इस समय सूर्य की किरणों में कई औषधीय गुण होते हैं जो शरीर के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। इसलिए इस समय सूर्य की पूजा करना और उसकी किरणों का लाभ लेना बहुत महत्वपूर्ण होता है।
सांस्कृतिक महत्व : 25 मई से होगा नौतपा
सांस्कृतिक महत्व भी बहुत बड़ा है। इस समय लोग विभिन्न प्रकार की धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में शामिल होते हैं। नौतपा के दौरान सूर्यदेव की पूजा करना और अर्घ्य देना एक प्रमुख धार्मिक अनुष्ठान है। इसके अलावा इस समय लोग दान-पुण्य के कार्य भी करते हैं। जरुरतमंदों को पानी, छाता, टोपी आदि का दान करना एक महत्वपूर्ण परंपरा है। इससे न सिर्फ जरुरतमंदों को राहत मिलती है, बल्कि यह एक पुण्य का कार्य भी होता है।
व्रत और उपवास
व्रत और उपवास का विशेष महत्व होता है। इस समय लोग विभिन्न प्रकार के व्रत और उपवास रखते हैं। इससे न सिर्फ आध्यात्मिक लाभ होता है, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य भी सुधरता है। व्रत और उपवास से शरीर को आराम मिलता है और पाचन तंत्र को विश्राम मिलता है। इससे पेट संबंधी समस्याओं से बचा जा सकता है और स्वास्थ्य अच्छा रहता है। इस समय व्रत और उपवास रखने से मन को शांति मिलती है और आत्मा की शुद्धि होती है।
योग और ध्यान
योग और ध्यान का विशेष महत्व होता है। इस समय योग और ध्यान करने से मन को शांति मिलती है और शरीर को आराम मिलता है। योग और ध्यान से शरीर के सभी अंग स्वस्थ रहते हैं और मानसिक तनाव कम होता है। इस समय योग और ध्यान करने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और जीवन में सकारात्मकता आती है। नौतपा के दौरान नियमित रूप से योग और ध्यान करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुधरता है।
धार्मिक अनुष्ठान : 25 मई से होगा नौतपा
विभिन्न प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। इस समय लोग मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं। नौतपा के दौरान सूर्यदेव की पूजा का विशेष महत्व होता है। इसके अलावा इस समय लोग दान-पुण्य के कार्य भी करते हैं। जरुरतमंदों को पानी, छाता, टोपी आदि का दान करना एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है। इससे न सिर्फ जरुरतमंदों को राहत मिलती है, बल्कि यह एक पुण्य का कार्य भी होता है।
परिवार के साथ समय बिताएं
परिवार के साथ समय बिताना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस समय लोग अपने परिवार के साथ घर में रहकर समय बिताते हैं और विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में शामिल होते हैं। इस समय परिवार के साथ समय बिताने से आपसी संबंध मजबूत होते हैं और परिवार में खुशी और सद्भाव बना रहता है। इस समय परिवार के साथ मिलकर धार्मिक अनुष्ठान करें और एक साथ पूजा-अर्चना करें। इससे परिवार में सकारात्मकता आती है और सभी सदस्य खुश रहते हैं।
सकारात्मक सोच
सकारात्मक सोच बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस समय सकारात्मक सोच से जीवन में सकारात्मकता आती है और सभी कार्य सफल होते हैं। मानसिक तनाव कम होता है और जीवन में खुशी और संतोष आता है। इस समय सकारात्मक सोच से सभी समस्याओं का समाधान आसानी से होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। सोच से न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य सुधरता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
पर्यावरण संरक्षण : 25 मई से होगा नौतपा
पर्यावरण संरक्षण का विशेष ध्यान देना चाहिए। इस समय पेड़-पौधों की देखभाल करें और उन्हें सूखने से बचाएं। इस समय अधिक से अधिक पेड़ लगाएं और पर्यावरण को स्वच्छ और हरा-भरा बनाए रखें। इस समय जल संरक्षण का विशेष ध्यान दें और पानी का अपव्यय न करें। इससे पर्यावरण स्वच्छ और सुरक्षित रहेगा और सभी को शुद्ध जल मिल सकेगा। इस समय प्लास्टिक का उपयोग न करें और प्रदूषित होने से बचाएं। इससे पर्यावरण संरक्षण में योगदान मिलेगा और सभी को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण मिलेगा।
जीवनशैली में बदलाव : 25 मई से होगा नौतपा
जीवनशैली में कुछ बदलाव करना आवश्यक होता है। इस समय खान-पान का विशेष ध्यान देना चाहिए। हल्का और सुपाच्य खाना खाएं और अधिक तली-भुनी चीजों से परहेज करें। खूब पानी पिएं और तरल पदार्थों का सेवन करें। इस समय अधिक मेहनत वाले काम न करें और आराम करें। इससे शरीर को राहत मिलेगी और गर्मी से बचाव संभव होगा। इस समय नियमित रूप से योग और ध्यान करें। इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुधरेगा और जीवन में सकारात्मकता आएगी।
स्वस्थ
स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस समय नियमित रूप से व्यायाम करें और स्वस्थ खान-पान का पालन करें। खूब पानी पिएं और तरल पदार्थों का सेवन करें। हल्का और सुपाच्य खाना खाएं और ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें। इस समय अधिक मेहनत वाले काम न करें और आराम करें। इससे शरीर को राहत मिलेगी और गर्मी से बचाव संभव होगा। इस समय नियमित रूप से योग और ध्यान करें। इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुधरेगा और जीवन में सकारात्मकता आएगी।
खुशहाल जीवन : 25 मई से होगा नौतपा
खुशहाल जीवन बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस समय परिवार के साथ समय बिताएं और विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में शामिल हों। परिवार के साथ मिलकर धार्मिक अनुष्ठान करें और एक साथ पूजा-अर्चना करें। इससे परिवार में सकारात्मकता आती है और सभी सदस्य खुश रहते हैं। इस समय सकारात्मक सोच बनाए रखें और जीवन में सकारात्मकता लाएं। सकारात्मक सोच से सभी समस्याओं का समाधान आसानी से होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
समृद्धि और सुख : 25 मई से होगा नौतपा
समृद्धि और सुख बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस समय सूर्यदेव की पूजा करें और अर्घ्य दें। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी कार्य सफल होते हैं। इस समय दान-पुण्य के कार्य करें और जरुरतमंदों की मदद करें। इससे न सिर्फ जरुरतमंदों को राहत मिलती है, बल्कि यह एक पुण्य का कार्य भी होता है। इस समय परिवार के साथ समय बिताएं और खुशहाल जीवन जिएं। इससे जीवन में खुशी और संतोष आता है और सभी सदस्य खुश रहते हैं।
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