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हरियाली तीज 2024 : तिथि, शुभ योग और व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

हरियाली तीज 2024

हरियाली तीज 2024 : व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

हरियाली तीज 2024 : हरियाली तीज भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण और प्राचीन पर्व है, जिसे महिलाएं विशेष उत्साह और भक्ति के साथ मनाती हैं। यह त्योहार सावन के महीने में आता है और मुख्यतः उत्तर भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। हरियाली तीज का मुख्य उद्देश्य पति की लंबी आयु और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखना होता है। इस वर्ष हरियाली तीज 6 या 7 अगस्त को मनाई जाएगी। इस लेख में हम हरियाली तीज 2024 की तिथि, शुभ योग, और व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य पांच महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा करेंगे।

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तिथि और महत्व

तिथि 6 या 7 अगस्त को पड़ रही है। यह पर्व विशेष रूप से सुहागिन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली के लिए व्रत रखती हैं। हरियाली तीज का नाम ‘हरियाली’ इसलिए रखा गया है क्योंकि यह त्योहार वर्षा ऋतु के समय आता है, जब प्रकृति हरी-भरी होती है। इस पर्व का धार्मिक और सामाजिक महत्व भी बहुत अधिक है, क्योंकि यह महिलाओं को एकजुट होने और अपने रिश्तों को मजबूत बनाने का अवसर प्रदान करता है।

शुभ योग का महत्व : हरियाली तीज 2024

इस वर्ष हरियाली तीज पर तीन शुभ योग बन रहे हैं, जो इस पर्व को और भी महत्वपूर्ण बना देते हैं। ये योग हैं – सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, और अमृत सिद्धि योग। इन शुभ योगों में किए गए धार्मिक कार्य और व्रत अत्यंत फलदायी माने जाते हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग में किसी भी कार्य की शुरुआत करना अत्यंत शुभ होता है। रवि योग में सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है, और अमृत सिद्धि योग में किए गए कार्यों से अमृत तुल्य फल की प्राप्ति होती है। इस प्रकार, हरियाली तीज का व्रत इन शुभ योगों के प्रभाव से और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

व्रत की विधि

हरियाली तीज के व्रत को पूरे विधि-विधान के साथ किया जाता है। इस दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं और शुद्ध वस्त्र धारण करती हैं। इसके बाद वे देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं। पूजा के दौरान मिट्टी की प्रतिमा या चित्र का उपयोग किया जाता है। महिलाएं सिंदूर, मेहंदी, चूड़ी, और अन्य श्रृंगार सामग्री देवी पार्वती को अर्पित करती हैं। इसके बाद कथा का वाचन किया जाता है और महिलाएं एक-दूसरे को तीज की बधाई देती हैं। इस दिन व्रत धारण करने वाली महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को पूजा-अर्चना के बाद व्रत का पारण करती हैं।

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व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें : हरियाली तीज 2024

हरियाली तीज के व्रत के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। सबसे पहले, व्रत को पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ धारण करना चाहिए। व्रत रखने के दौरान मन को शांत और स्थिर रखना चाहिए। दूसरा, पूजा के दौरान देवी पार्वती और भगवान शिव की विशेष आराधना करनी चाहिए। तीसरा, व्रत के दौरान कोई भी अनैतिक कार्य या विचार नहीं करना चाहिए। चौथा, पूजा के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली सभी सामग्री शुद्ध और ताजगी भरी होनी चाहिए। और पांचवा, व्रत के दौरान परिवार और समाज के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर धार्मिक कार्यों में भाग लेना चाहिए, जिससे सामाजिक एकता और सामंजस्य बना रहे।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

हरियाली तीज का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत व्यापक है। यह पर्व महिलाओं को अपने पति के प्रति समर्पण और भक्ति प्रकट करने का अवसर प्रदान करता है। इसके साथ ही, यह पर्व महिलाओं को अपने मित्रों और परिवार के साथ मिलकर खुशी और उत्साह के साथ मनाने का भी अवसर देता है। हरियाली तीज के दौरान किए गए धार्मिक कार्यों और व्रत के पालन से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है। इसके अलावा, इस पर्व का सांस्कृतिक महत्व भी है, क्योंकि यह महिलाओं को अपने पारंपरिक और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति जागरूक बनाता है।

लोकगीत और नृत्य : हरियाली तीज 2024

हरियाली तीज का पर्व लोकगीत और नृत्य के बिना अधूरा है। इस दिन महिलाएं पारंपरिक लोकगीत गाती हैं और समूह में नृत्य करती हैं। ये लोकगीत और नृत्य भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो इस पर्व को और भी रंगीन और आनंदमय बनाते हैं। महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में सजधज कर एक-दूसरे के साथ लोकगीत गाती हैं और झूला झूलती हैं। इस प्रकार, हरियाली तीज का पर्व न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में खुशी और उत्साह का भी संचार करता है।

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व्रत की कथा

हरियाली तीज के व्रत की कथा का भी विशेष महत्व होता है। इस कथा के अनुसार, देवी पार्वती ने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए इस व्रत का पालन किया था। उन्होंने कठोर तपस्या की और भगवान शिव की कृपा प्राप्त की। इस कारण से हरियाली तीज के व्रत को पालन करने वाली महिलाएं देवी पार्वती की तरह अपने पति के प्रति समर्पण और भक्ति का प्रदर्शन करती हैं। इस व्रत की कथा सुनने और सुनाने से व्रत का महत्व और भी बढ़ जाता है और भक्तों को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

निष्कर्ष : हरियाली तीज 2024

हरियाली तीज भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली के लिए व्रत रखती हैं और देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं। हरियाली तीज का धार्मिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक महत्व अत्यंत व्यापक है। इस पर्व को पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाना चाहिए और व्रत के दौरान विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। हरियाली तीज का पर्व हमें अपने पारंपरिक और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति जागरूक बनाता है और समाज में खुशी और उत्साह का संचार करता है।

 

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