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सावन शिवरात्रि 2024 : तिथि, मुहूर्त, सरवार्थ सिद्धि योग और महत्व

सावन शिवरात्रि 2024

सावन शिवरात्रि 2024 : सरवार्थ सिद्धि योग और महत्व

सावन शिवरात्रि 2024 : सावन शिवरात्रि हिंदू धर्म में भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह त्योहार विशेष रूप से उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण होता है जो शिवभक्ति में लीन होते हैं। सावन माह को भगवान शिव का प्रिय माह माना जाता है, और इस महीने में आने वाली शिवरात्रि का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस लेख में हम सावन शिवरात्रि 2024 की तिथि, मुहूर्त, सरवार्थ सिद्धि योग, व्रत पालन विधि और इसके धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

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तिथि और मुहूर्त : सावन शिवरात्रि 2024

सावन शिवरात्रि 2024 की तिथि 5 अगस्त को है। यह दिन भगवान शिव के भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है। शिवरात्रि के दिन व्रत रखने और भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन भक्तजन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करते हैं और उनके प्रिय मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करते हैं।

सावन शिवरात्रि का मुहूर्त इस प्रकार है:

सरवार्थ सिद्धि योग

सावन शिवरात्रि 2024 पर विशेष सरवार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। यह योग किसी भी कार्य को शुभ और सफल बनाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस योग में किए गए धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य विशेष फलदायी होते हैं। शिवभक्त इस योग के दौरान भगवान शिव की पूजा-अर्चना करके अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। सरवार्थ सिद्धि योग में शिवरात्रि का व्रत रखने और पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सफलता प्राप्त होती है।

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व्रत पालन विधि : सावन शिवरात्रि 2024

सावन शिवरात्रि के व्रत को पूरे विधि-विधान के साथ पालन किया जाता है। इस दिन भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से शुद्ध हो जाते हैं और व्रत का संकल्प लेते हैं। इसके बाद वे शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अभिषेक करते हैं। इस दौरान बेलपत्र, धतूरा, आंकड़ा, और शमी पत्र भी चढ़ाए जाते हैं, जो भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं। इसके साथ ही, धूप, दीप, और नैवेद्य (भोग) अर्पित किया जाता है।

भक्तजन दिन भर उपवास रखते हैं और भगवान शिव की आराधना में लीन रहते हैं। रात्रि को जागरण करते हैं और शिवपुराण का पाठ करते हैं। इस दौरान वे भगवान शिव की कथाओं को सुनते और उनके मंत्रों का जाप करते हैं। अगले दिन व्रत का पारण करते हैं, जिसके बाद व्रत का समापन होता है।

सावन शिवरात्रि का धार्मिक महत्व

सावन शिवरात्रि का धार्मिक महत्व अत्यंत व्यापक है। यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के दिन के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह किया था। इस कारण से इस दिन को शिवभक्त बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाते हैं। सावन माह में शिवभक्ति का विशेष महत्व होता है और इस माह में शिवरात्रि का व्रत रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

आध्यात्मिक महत्व : सावन शिवरात्रि 2024

सावन शिवरात्रि का आध्यात्मिक महत्व भी अत्यंत गहरा है। यह दिन आत्मशुद्धि और आत्मसंयम का प्रतीक है। व्रत रखने और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से मनुष्य के जीवन में शुद्धता, शांति और संतुलन आता है। इस दिन भगवान शिव का ध्यान और उनका मंत्र जाप करने से मानसिक शांति और आत्मिक शक्ति प्राप्त होती है। सावन शिवरात्रि का व्रत आत्मसंयम और आत्मनियंत्रण का अभ्यास करने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करता है।

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शिवरात्रि की कथा

सावन शिवरात्रि के पीछे कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। इनमें से एक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब विष निकला, तब भगवान शिव ने उस विष को अपने कंठ में धारण किया। इसके बाद उन्हें ‘नीलकंठ’ कहा जाने लगा। इस विष को धारण करने से भगवान शिव के कंठ में जलन होने लगी। तब देवताओं और भक्तों ने मिलकर सावन माह में भगवान शिव का अभिषेक किया ताकि उनकी जलन शांत हो सके। इस कारण से सावन माह में शिवभक्ति और अभिषेक का विशेष महत्व होता है।

सामाजिक महत्व : सावन शिवरात्रि 2024

सावन शिवरात्रि का सामाजिक महत्व भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह पर्व समाज में भाईचारे, प्रेम और सहयोग का संदेश देता है। इस दिन भक्तजन मिलकर भगवान शिव की पूजा करते हैं और एक दूसरे के साथ अपने अनुभव साझा करते हैं। इससे समाज में सामूहिकता और एकता का भाव बढ़ता है। सावन शिवरात्रि का पर्व हमें अपने पारिवारिक और सामाजिक जीवन में संतुलन बनाए रखने का भी संदेश देता है।

निष्कर्ष

सावन शिवरात्रि हिंदू धर्म में भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना और व्रत का पालन करने से भक्तों को विशेष पुण्य और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। सावन शिवरात्रि का धार्मिक, आध्यात्मिक, और सामाजिक महत्व अत्यंत व्यापक है। यह पर्व हमें आत्मशुद्धि, आत्मसंयम, और सामाजिक एकता का संदेश देता है। भगवान शिव की कृपा से हमारे जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि आती है। इस सावन शिवरात्रि पर हम सभी को भगवान शिव की भक्ति में लीन होकर उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।

 

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