वैशाख माह की खुशबू
वैशाख माह की खुशबू:वैशाख हिंदू पंचांग का दूसरा महीना है. विशाखा नक्षत्र से संबंध होने के कारण इसको वैशाख माह कहते हैं. धार्मिक दृष्टि से इस महीने को भी विशेष माना गया है. यह माह भगवान श्री हरि विष्णु और परशुराम जी की पूजा अराधना के लिए समर्पित है. धार्मिक ग्रंथो के मुताबिक इस महीने स्नान दान करने से कई प्रकार के दुखों से मुक्ति भी मिलती है. तो चलिए आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि कब से शुरू हो रहा वैशाख का माह.
माह कृष्ण पक्ष
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू पंचांग के मुताबिक वैशाख माह कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है. जिसकी शुरुआत 24 अप्रैल दिन बुधवार यानी कि आज से हो रही है. इसका समापन अब 23 मई को होगा. वैशाख के महीने को बहुत ही पवित्र माह कहा जाता है, इसलिए इस माह में पूजा और उपासना सबसे ज्यादा की जाती है.
वैशाख महीने में क्या करें
धार्मिक मान्यता के मुताबिक वैशाख के महीने में कहा जाता है कि जल पात्र, कपड़े, आम , सत्तू, पादुका, पंखा, फल आदि का दान करना बेहद जरूरी होता है. ऐसा करने से जीवन में खुशहाली आती है और पुण्य की प्राप्ति होती है. वैशाख के महीने में गरीबों की मदद भी करने का विधान है.
वैशाख के माह में करें इन मंत्रों का जाप
ऊँ माधवाय नमः ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीवासुदेवाय नमः इस मंत्र के जाप से आर्थिक स्थिति मजबूत होगी
ॐ क्लीं कृष्णाय नमः
इस मंत्र के जाप से संतान प्राप्ति के योग बनेंगे
ॐ नमो नारायणाय इस मंत्र के जाप से हर मनोकामना पूरी होगी
उम्मीदों और संभावनाओं के साथ स्वागत
वैशाख माह का आगमन हमें नई उम्मीदों और संभावनाओं के साथ स्वागत करने का अवसर प्रदान करता है। यह माह हिन्दू पंचांग के अनुसार सन् २०२४ का पहला महीना है और इसमें अनेक महत्वपूर्ण त्योहार और पर्व आते हैं। इसी महीने को ‘दान का महीना’ कहा जाता है, क्योंकि इसमें लोग दान-धर्म का अधिक पालन करते हैं।वैशाख माह में दान करने की प्राचीन परंपराओं की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। यहां लोगों को दान करके और दान के माध्यम से दूसरों की मदद करके अपनी आत्मा को शुद्ध और संतुलित करने की शिक्षा दी जाती है।
सामाजिक जीवन में सामंजस्य और सहयोग
यह एक प्रकार का सामाजिक सेवा भी है जो हमें सामाजिक जीवन में सामंजस्य और सहयोग का अनुभव कराती है। इस महीने दान करने से न केवल हम अपनी धार्मिक और सामाजिक दायित्वों को पूरा करते हैं, बल्कि हम अपने जीवन में भी खुशहाली और समृद्धि को आमंत्रित करते हैं। यह एक प्रकार की मानवता की सेवा है जो हमें अनुभवों के माध्यम से जीवन के मूल्यों को समझने और मूल्यांकन करने का मौका देती है।
संगठनात्मक रूप से जुड़ने और समाज में साझेदारी
दान का अभ्यास हमें अपनी सामर्थ्य के अनुसार दूसरों की मदद करने की शिक्षा देता है। यह हमें संगठनात्मक रूप से जुड़ने और समाज में साझेदारी करने की भावना देता है, जिससे हमारा जीवन और विश्व एक स्थानत: सुखी और समृद्धिशील बनता है।वैशाख माह को दान का महीना मनाने से हम समझते हैं कि जीवन में धन के साथ-साथ भाग्य और समृद्धि की प्राप्ति के लिए दान की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस महीने अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान करके हम स्वयं को और दूसरों को संतुष्टि, आनंद और खुशहाली का अनुभव करते हैं।
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