वशीकरण क्या है :- आइये जाने
वशीकरण क्या है : हिन्दू शास्त्रों में किसी को अपनी ओर आकर्षित करने के कई तरीके दर्ज पाए गए हैं। इन्हें अमूमन ‘वशीकरण’ विधि के रूप में ही जाना जाता है, किंतु साथ ही यह चेतावनी भी दी जाती है कि इसका दुरुपयोग कतहि ना करें अन्यथा यह करने वाले पर भी उलटा पड़ जाता है। वशीकरण विधि का प्रयोग भूतकाल में राजकर्मी प्रयोग करते थे राजा की आज्ञा से । वह भी जब कोई घुसपैठिया उनके क्षेत्र में घुस जाता था उस से सच उगलवाने के लिए।
अपने वश में कर के अपने कार्य कराने : वशीकरण क्या है
किसी व्यक्ति विशेष को अपने वश में कर के अपने कार्य कराने की क्रिया को वशीकरण कहते है यह तंत्र विद्या और टोटको से लिया जाता है इसके द्वारा प्रेम विवाह , सम्मोहन आदि क्रियाएँ की जाती है , शत्रु नाश स्त्री वशीकरण आदि में इसका उपयोग होता है | वशीकरण एक आद्यात्मिक कला है जिसको बहुत कठिन आत्मिक तपस्या के बल से प्राप्त किया जाता है | वशीकरण विधि को एक बार प्राप्त कर के आप अपना मनचाहा काम पल भर मे पूरा कर सकते हो |
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विधि का दुरूपयोग करने से ये विधि काम करना बंद कर देती है, इसलिए धारक को ये सलाह दे जाती है की वो वशीकरण विधि का वही उपयोग करे जहा इसकी वास्तव मे नेक कार्य मे जरुरत हो | किसी भी कार्य के अनुसार वशीकरण की अलग अलग विधि उपयोग मे लायी जाती है | एक वास्तव वशीकरण विधि धारक वो है जो समस्या को समझ के सही विधि का उपयोग करे |
वशीकरण एक सामान्य विद्या है : वशीकरण क्या है
वशीकरण एक सामान्य विद्या है, और यह एक अत्यंत सरल उपायों से हो जाता है , हर स्त्री चाहती है की उसका पति उसके वश में हो, हर कर्मचारी चाहता है की उसका मालिक उसके वश में हो, कुछ उपायो के बाद वशीकरण शक्ति अर्जित करने के बाद आपको लगेगा की आप के चेहरे पर एक तेज आ गया है , आप के अंदर एक ख़ुशी ,एक अमिट मुस्कान आ जायेगी और आप का व्यक्तिव निखर जायेगा आप के एक अंदर एक आत्मविश्वास उत्तपन हो जायेगा। हर व्यक्ति अपने शत्रुओं का नाश करना चाहता है,आप भी अगर अपने शत्रुओं को समाप्त करना चाहते है तो मात्र कुछ छोटे उपाय है, जिनको करने मात्र से आप के शत्रु स्वतः ही नष्ट हो जाएंगे , यह सम्मोहन एवं वशीकरण के अचूक उपाय है |
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प्रत्येक व्यक्ति इसकी कामना के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता
जीवन सहज-सरल और गतिशील बना रहे तथा विभिन्न छोटे-बड़े कार्यों की राह में कोई बाधा नहीं आने पाए। प्रत्येक व्यक्ति इसकी कामना के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता है। फिर भी घरेलू वातावरण में पारिवारिक समस्या, दांपत्य में अनबन, आर्थिक तंगी, कर्ज, बीमारियां, विवाह में देरी या बाधा, प्रेम विवाह में अड़चनें, परस्त्री गमन या परपुरुष के प्रति आकर्षण जैसे अनैतिक संबंध, अदालती मामले, संतानहीनता की समस्या आदि से मन की व्याकुलता बढ़ सकती है। उलझाव बढ़ने से तनावग्रस्त जिंदगी में उब पैदा हो सकती है। संभव है समस्याओं के निदान वास्ते कोई राह दिखाई भी नहीं दे। ऐसी स्थिति में क्या आप जानते हैं कि तंत्र-मंत्र की साधना और वशीकरण के उपायों से इसका समाधान संभव है। वशीकरण के धर्मिक अनुष्ठान कर मानेवांछित परिणाम प्राप्त कर सकते हं। इससे मानिसक नकारात्मकता दूर हो सकती है और आपमें सकारत्मक ऊर्जा का संचार संभव होगा।
अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने की एक असाधारण विद्या है
वशीकरण किसी को अपने वश में कर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने की एक असाधारण विद्या है, जिसे असानी से नहीं प्राप्त किया जा सकता है। कुछ लोगों के लिए यह काला जादू हो सकता है, लेकिन इसमें वैज्ञानिकता और सहयोगात्मक भावना के तथ्य छिपे हैं। यह तर्कपूर्ण तंत्र-मंत्र और अनुष्ठानिक पूजा-पाठ की साधना से संभव है। इसे शुभ मुहूर्त में विधि-विधान के साथ संपन्न किया जाता है। सभी देवी-देवताओं की षाड्शोपचार विधि से पूजा किया जाता है।
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पूजा या साधना काफी सूझ-बूझ : वशीकरण क्या है
वशीकरण की पूजा या साधना काफी सूझ-बूझ और पूरी तैयारी के साथ शुरू करनी चाहिए। इस कार्य में दृढ़ता की आवश्यक है। पूजा की सामग्री तैयार करने से लेकर मंत्रोच्चारण तक पर विशेष ध्यान दिया जाता है। कार्य शुभारंभ से पहले भली-भांति यह सोच-विचार कर लेना चाहिये कि वे जो करने जा रहे हैं, उससे किसी का अहित तो नहीं होगा। मन को पूरी तरह से साधना के प्रति कंद्रित बनाए रखना होगा। साहस और आत्मविश्वास की दृढ़ता के साथ किसी भी तरह की बाधा से निबटने की क्षमता बनानी होगी। किसी योग्य गुरु का आशीर्वाद और उनके निर्देशों का पालन करना होगा।
पूर्ण निर्णय लेने के बाद सात तरह की शुद्धियों : वशीकरण क्या है
इसके साथ ही कार्यसिद्धि के लिए पूर्ण निर्णय लेने के बाद सात तरह की शुद्धियों की ओर ध्यान देना जरूरी होगा। वे हैंः- शरीर, वस्त्र, मन, भूमि, पूजन सामग्री, धन और विधि-विधान। इन्हें अपनाकर साधना करने वाला व्यक्ति खुद को पूरी तरह से वशीकरण पूजा योग्य पात्र समझ सकता है। हालांकि उनके द्वारा साधना के प्रयोग चाहे जिस कार्य की सफलता के लिए हों, उसके पूर्ण विधि-विधान पर ध्यान देना आवश्यक है। साधना के दौरान श्रद्धा और विश्वास हमेशा बनाए रखना होगा। कुछ प्रयोगोें में मंत्र और भोजन संबंधी सावधानी भी वरतने की जरूरत होती है। साथ ही राजस्वला का स्पर्श भी अपवित्रता की श्रेणी में आता है।
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