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प्रसिद्ध बुद्धेश्वर महादेव मंदिर : नहीं देखा होगा बाबा का ऐसा श्रृंगार

लखनऊ के प्रसिद्ध बुद्धेश्वर महादेव मंदिर

लखनऊ के प्रसिद्ध बुद्धेश्वर महादेव मंदिर

लखनऊ के प्रसिद्ध बुद्धेश्वर महादेव मंदिर : मंदिर में हर दिन बाबा का भव्य श्रृंगार किया जाता है. इस बार भीषण गर्मी के मद्देनजर बाबा का श्रृंगार विशेष रूप से ठंडी चीज जैसे फ्रूटी और स्प्राइट से किया गया है. इसके अतिरिक्त मंदिर में रोजाना चार बार आरती की जाती है. सुबह की आरती के समय बाबा को जगाया जाता है.

यूपी की राजधानी लखनऊ में स्थित बुद्धेश्वर महादेव मंदिर में हर रोज बाबा का भव्य श्रृंगार किया जाता है. इस मंदिर में रोजाना बाबा के अद्भुत रूप के दर्शन होते हैं. मंदिर में दिनभर में 4 आरती होती है. इन चारों आरती का विशेष महत्व है. जबकि, हर रोज बाबा का श्रृंगार रात को शयन आरती से पहले होता है. यह श्रृंगार बाबा के दिव्य रूप को प्रकट करता है. सुबह की आरती से उनको जगाया जाता है,

उनका भव्य श्रृंगार भक्तों का मन मोह लेता है

जबकि, रात में 10:00 बजे बाबा के श्रृंगार की तैयारी शुरू हो जाती है. बाबा का श्रृंगार उज्‍जैन के महाकाल की तर्ज पर किया जाता है.हर दिन बाबा को नया रूप देने से उनका भव्य श्रृंगार भक्तों का मन मोह लेता है. यह रूपांतरण उनकी दिव्यता और प्रभाव को प्रकट करता है, जिससे भक्त उनके प्रति आदर्श और श्रद्धा व्यक्त करते हैं.

जबकि, इस बार गर्मी के मौसम को देखते हुए बाबा का श्रृंगार कोल्ड्रिंक और अन्य ठंडी चीजों से किया गया है. रोजाना बाबा का श्रृंगार ताजा फूलों से किया जाता है, जो उनकी दिव्यता को उजागर करता है. उनके गर्भगृह को विभिन्न प्रकार की चीजों और फूलों से सजाया जाता है, जिससे आकर्षण और भी बढ़ जाता है.बाबा का श्रृंगार होने के बाद रात 11 बजे तक शयन आरती होती है.

मंदिर के दोनों द्वार को भी भव्य रूप से सजाया – प्रसिद्ध बुद्धेश्वर महादेव मंदिर

यह मंदिर की आखरी आरती होती है. इसके बाद बाबा विश्राम करते हैं.मंदिर के दोनों द्वार को भी भव्य रूप से सजाया जाता है.तो रात में शयन आरती से पहले बाबा का श्रृंगार किया जाता है.   एक द्वार पर राम का नाम, तो दूसरे द्वार पर स्वास्तिक बनाया जाता है. भारतीय संस्कृति में भगवान और देवीयों की पूजा का अत्यंत महत्व है।

विभिन्न धार्मिक समुदायों में भगवान के रूप को सजाने और सँवारने की परंपरा है। इसी धार्मिक संस्कृति के अनुसार, बुद्धेश्वर महादेव को भी उनके मंदिर में सजाने का विशेष महत्व दिया जाता है। यह मंदिर अपने शिल्पकला और सुंदर वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। इसकी अद्वितीय अश्वाकार आकृति और शिल्पी सजावट दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती है।

धार्मिक विरासत का अत्यंत महत्वपूर्ण केंद्र

बुद्धेश्वर महादेव के मंदिर में जब आप पहुंचते हैं, तो आपका ध्यान तुरंत हरी-भरी पेड़ों और शांत वातावरण की ओर खींच जाता है। मंदिर के भीतर, आपको अद्वितीय श्रृंगार का दृश्य मिलता है। बाबा का ऐसा श्रृंगार देखकर बिल्कुल हैरानी होती है। उनके मुकुट पर मूंगे, पुष्प और रत्नों की चमक आपको आकर्षित करती है।

महादेव की मूर्ति के चेहरे पर एक अद्वितीय मुस्कान है, जो देवी के साथ उनकी अंतरंगता को दर्शाती है।लखनऊ, उत्तर प्रदेश की सभ्यता और धार्मिक विरासत का अत्यंत महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। यहां के प्रसिद्ध बुद्धेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह लोगों को आकर्षित करने वाला धार्मिक स्थल है।

 

फ्रूटी और स्प्राइट की चमक – प्रसिद्ध बुद्धेश्वर महादेव मंदिर

बुद्धेश्वर महादेव के श्रृंगार में फ्रूटी और स्प्राइट की चमक भी है। उनके हाथों में फलों का गजरा, जिसमें आम, सेब, अंगूर, और कई अन्य फल होते हैं, उनकी भक्तों को प्रसन्न करता है। यह एक अनोखा दृश्य है, जो आत्मा को शांति और सुखद अनुभव देता है। ऐसे अद्वितीय और सुंदर श्रृंगार के साथ, बुद्धेश्वर महादेव का मंदिर एक ध्यान और आध्यात्मिकता का केंद्र बना रहता है, जो भक्तों को आकर्षित करता है और उन्हें शांति का अनुभव कराता है।

भक्तों की ध्यानाकर्षण क्षमता – प्रसिद्ध बुद्धेश्वर महादेव मंदिर

मंदिर के प्रांगण में बैठे हुए भक्तों की ध्यानाकर्षण क्षमता भी अत्यधिक होती है। यहां का शांतिपूर्ण और शुद्ध वातावरण व्यक्ति को आध्यात्मिकता का अनुभव करने में सहायक होता है। बुद्धेश्वर महादेव मंदिर के शिलालेखों में भगवान शिव की कथाएं और धार्मिक तत्त्व उकेरे गए हैं, जो भक्तों को धार्मिक उत्साह और आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करते हैं। यह मंदिर लखनऊ की संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है और धार्मिक आस्था के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। यहां प्रतिदिन आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक अपने आत्मा की शांति और स्वास्थ्य के लिए इसे अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हैं।

 

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