कब से लग रहा है नौतपा
कब से लग रहा है नौतपा: हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी हर साल गर्मी के मौसम में नौतपा आएगा. इस दौरान सूर्य देव रोहिणी नक्षण में प्रवेश करते हैं. इस दौरान धरती पर लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल ज्यैष्ठ मास की शुरुआत में नौतपा शुरू होता है. इस दौरान 9 दिनों तक सूर्य देव अपने उग्र रूप में रहते हैं. आइए जानें उज्जैन के ज्योतिष आचार्य रवि शुक्ला से कब शुरू होगा नौतपा. नौतपा के दौरान सूर्य देव की आराधना जरूर करनी चाहिए. सूर्य देव को अर्घ्य देने से परिवार के सभी लोग स्वस्थ रहते हैं. सूर्य पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है. नौतपा के दौरान जल, दही, दूध, नारियल पानी का सेवन ज्यादा करना चाहिए. इस दौरान गरीबों को भी गर्मी से बचने वाली चीजों का दान करना चाहिए.
इस तारिख से शुरू होगा नौतपा
2024 मे 25 मई से नौतपा का आरंभ होगा. नौतपा 25 मई से शुरू होकर 2 जून तक चलेगा. सूर्य 25 मई को सुबह को 3 बजकर 16 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और उसके बाद 2 जून को 7 जून को सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में जाएंगे. नौपता के 9 दिन सबसे भीषण गर्मी के होते हैं.
नौतपा में इन बातों का रखें ध्यान
नौतपा के दौरान ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं. ताकि शरीर में किसी तरह की परेशानी न हो. साथ ही राहगीरों और जरूरतमंदों को जल पिलाना चाहिए. मान्यता है कि यह एक प्रकार का पुण्य का कार्य है. इसके अलावा मान्यता यह भी है कि नौतपा के दौरान प्यासे को जल पिलाने से भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त होती है.नौतपा के दौरान सूर्य देव की उपासना करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है. साथ ही समाज में सम्मान भी बढ़ता है.
प्राचीन वैज्ञानिक परंपरा
नौतपा या हार्ट की धड़कन की तरह है, जो प्रकृति की संतुलन को जाँचती है। इसकी आधी गर्मी से हर वर्ष मानवता को अवगत कराती है। इस तारीख से, सूर्यदेव अपनी उगलेंगे आग और माहौल में उमस बढ़ेगी। जिससे धरती की सतह पर भयंकर गर्मी का अहसास होगा। प्राचीन वैज्ञानिकों ने नौतपा का अध्ययन किया और उसके आगमन की तारीख को निश्चित किया। उन्होंने सूर्यदेव के उगम से इस प्रकार के मौसमी परिवर्तनों को अध्ययन किया और लोगों को सावधान करने का सुझाव दिया।
प्राकृतिक परिणाम मानवता के लिए खतरा
नौतपा के आगमन से प्राकृतिक परिणामों का बढ़ना शुरू हो जाता है। प्रदूषण, वायुमंडलीय परिवर्तन, और वन्यजीवों के प्रतिकूलता में इसका असर दिखाई देता है। नौतपा के आगमन के साथ, धरती पर जीवन के लिए नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। गर्मियों की अत्यधिक छाया, पानी की कमी, और जलवायु परिवर्तन के संभावनाओं के साथ, यह सभी मानवता के लिए एक अलर्ट का कारण बनते हैं।
संभावित उपाय
इस अलर्ट के मद्देनजर, विज्ञानिकों और राजनीतिक नेताओं को साझा प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्हें सामाजिक और पर्यावरणीय उपायों को समझने और अपनाने के लिए सक्रिय रूप से काम करना चाहिए।
संज्ञान और कार्रवाई
नौतपा के आगमन की तारीख से लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए और संभावित परिणामों का सामना करने के लिए तैयारी की जानी चाहिए। यह समय है कि हम साझा कर्मयोगी उपायों के माध्यम से धरती की संरक्षा के लिए सम्मिलित हों। नौतपा के दौरान सूर्य देव की उपासना करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है. साथ ही समाज में सम्मान भी बढ़ता है.
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