कछुआ तंत्र की पूजा :- रहस्यमयी कछुआ तंत्र
कछुआ तंत्र की पूजा : रांची: आपको यह जान कर आश्चर्य होगा कि कुछ लोग वशीकरण, यानी सामने वाले को अपने वश में करने की विशेष ज्ञान रखते हैं। इसके लिए तंत्र साधना करते हैं, विशेष पूजा-पाठ करते हैं। यह तंत्र साधना केवल वशीकरण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें धन प्राप्ति और नोटों की बारिश के लिए भी विशेष साधनाएं शामिल हैं। तंत्र साधना में कछुए की पूजा का विशेष महत्व है। तांत्रिकों का मानना है कि अगर 20 और 18 नख वाले कछुए मिल जाएं, तो वे तंत्र साधना के माध्यम से धन की वर्षा करा सकते हैं। हालांकि, 20 और 18 नख वाले कछुए भारत में नहीं मिलते हैं, इसलिए उनकी मांग नवरात्रि से दीपावली के बीच काफी बढ़ जाती है।
ईडी की छापामारी में विदेशी कछुआ बरामद : कछुआ तंत्र की पूजा
प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) की छापामारी में रांची के हरमू स्थित प्रेम प्रकाश के घर से विदेशी मूल का कछुआ बरामद किया गया है। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, बरामद कछुआ कंबोडियम मूल का है, जो काफी दुर्लभ और प्रतिबंधित है। जब्त कछुआ वन विभाग के अधिकारियों ने अपने साथ ले लिया। न्यूज 11 भारत ने इस पूरे मामले की पड़ताल की तो पता चला कि इस दुर्लभ कछुए की विशेष तंत्र पूजा होती है। यह तंत्र पूजा वशीकरण और नोटों की बारिश के लिए की जाती है। प्रेम प्रकाश के घर से बरामद कछुए को तांत्रिक साधनाओं में इस्तेमाल किया जाता था, जिससे आर्थिक लाभ प्राप्त किया जा सके।
नरम परत देखकर तय होती हैं कीमत
कछुओं की कीमत उनकी नरम और कड़ी परत देखकर तय होती है। नरम परत वाले कछुओं के अधिक फूलने के कारण काफी देर तक नोटों की बारिश होती है। 20 नख वाले नरम कछुओं से एकाएक धनवान बनने की मंशा रखने वाले बड़ी रकम देने को तैयार हो जाते हैं। यदि किसी शिकारी के हाथ 18 नख वाला कछुआ लग जाता है, तो वह भी बड़ी कमाई करता है। तंत्र साधनाओं में कछुओं की विशेष भूमिका होती है, जिससे लोग धनवान बनने का प्रयास करते हैं। कछुए की नरम परत तांत्रिक साधनाओं में अधिक उपयोगी मानी जाती है, जिससे धन की वर्षा होती है।
कछुआ तंत्र: धन प्राप्ति साधना और वशीकरण : कछुआ तंत्र की पूजा
धन प्राप्ति साधना के लिए सही दिशा में प्रभावकारी परिश्रम की जरूरत होती है, परंतु कई बार आपके रात-दिन की कड़ी मेहनत भी रंग नहीं दिखा पाती। जरूरतों के मुताबिक धनागमन नहीं हो पाता है, या फिर आपका पैसा अटका होने से कर्ज में डूबे रहते हैं। इसका कारण धन की देवी का रूष्ट होना है। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए दीपावली के अवसर पर कई तरह के वैदिक अनुष्ठान से लेकर टोना-टोटका, तांत्रिक साधनाएं और मंत्र जाप आदि के उपाय बताए गए हैं। इन्हीं में फेंगशुई, ज्योतिषीय और वास्तु शास्त्र के उपाय भी शामिल हैं।
जिसे चाहे उसे वश में करें : इस तांत्रिक मंत्र की साधना से कर सकते हैं
तंत्र में कछुए के नाखून, पैर, गर्दन और दांत का विशेष महत्व होता है। धनतेरस के दिन से दीपावली की रात्री तक कछुए के अंगों से तंत्र साधनाएं की जाती हैं। तांत्रिकों के अनुसार, कछुए के इन अंगों को धन रखने की जगह पर रखने से समृद्धि आती है। आठ, 12, 18 और 20 नख वाले कछुओं से तांत्रिक साधना को महत्वपूर्ण माना गया है। इनमें 20 नख वाला कछुआ दैवीय शक्ति का प्रतीक माना गया है।
सनातन धर्म में कछुए का महत्व
सनातन धर्म के अनुसार, कछुए को शुभ माना गया है। सदियों से यह मान्यता चली आ रही है कि घर में कछुआ रखने से आर्थिक उन्नति होती है और घर सकारात्मक ऊर्जा से संचारित रहता है। इससे घर के सदस्यों की सेहत अच्छी रहती है और सुखद माहौल बना रहता है। सैंकड़ों सालों तक जीवित रहने वाला कछुआ की कृपा दृष्टि परिवार के कई पीढ़ियों पर बनी रहती है।
कछुए को लेकर कई धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं। हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु के कूर्म अवतार का विशेष महत्व है, जिसमें विष्णु ने समुद्र मंथन के समय कछुए का रूप धारण किया था। इस रूप को शुभ और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसी कारण घर में कछुआ रखने की परंपरा भी है, जिससे परिवार में धन और सुख-समृद्धि बनी रहती है।
कछुए से जुड़ी विशेष बातें
एक जमाने में कछुआ घर का एक पालतू जीव हुआ करता था, लेकिन इसकी दुर्लभता के कारण कुछ पाबंदियों के चलते अब इसकी जगह धातु या स्फटिक के छोटे-छोटे कछुए ने ली है। कछुए को किसी भी शुभ दिन घर में रखा जा सकता है, लेकिन गुरुवार का दिन सबसे श्रेष्ठ माना गया है। ज्योतिष के अनुसार, कछुआ रखने से आर्थिक परेशानी दूर होती है और कछुए को कांच की कटोरी में रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
कछुए के प्रतीक को हमेशा ड्राइंग रूम में रखा जाता है और इसे कभी भी बेडरूम में नहीं रखना चाहिए। घर की शोभा बढ़ाने के लिए कभी भी दो कछुए एक साथ नहीं रखने चाहिए। अगर आप कोई नया कारोबार शुरू कर रहे हैं या नई दुकान खोल रहे हैं तो चांदी का कछुआ रखना अच्छा होता है, जिससे किसी की बुरी नजर नहीं लगती है। कछुए का चित्र इस तरह बनाना चाहिए, जिसका मुख नीचे जमीन की ओर हो और पूंछ ऊपर की ओर दिखे। इसे शाम को गोधुली की बेला में कछुए के रंग या फिर रक्त चंदन, कुमकुम या केसर से बनाना चाहिए।
वशीकरण क्या है : क्या वशीकरण करना ठीक है?
कछुए से दूर होता है घर का वास्तु दोष : कछुआ तंत्र की पूजा
यदि घर का वास्तु दोष ठीक हो, तो पैसे की कमी भी दूर हो जाती है। रुका हुआ पैसा मिलने लगता है और कारोबार में भी उन्नति होती है। अगर आपके घर का कोई दरवाजा, रसोई या बाथरूम सही जगह पर नहीं हो, तो उसे तोड़ने के बजाय उनपर कछुए का निशान बना देने से वास्तु दोष ठीक किया जा सकता है। कछुए का चित्र इस तरह बनाएं, जिसका मुख नीचे जमीन की ओर हो और पूंछ ऊपर की ओर दिखे। इसे शाम को गोधुली की बेला में कछुए के रंग या फिर रक्त चंदन, कुमकुम या केसर से बनाएं। बनाने के बाद “ओम कूर्मासनाय नमः” का उच्चारण करते रहें। कछुए को धूप, दीप दिखाकर उसपर गंगाजल का छिड़काव करें।
कछुए को घर में रखने से पहले उसकी सही दिशा और स्थान का ध्यान रखना जरूरी होता है। गुरुवार के दिन उत्तर दिशा की ओर मुंह कर कछुआ रखने से दुगुने परिणाम मिलते हैं। यदि जन्म कुंडली के अनुसार चंद्रमा अशुभ प्रभाव दे रहा हो, तब कछुआ के लिए आटे की गोलियां बनाकर उसे नदी या तालाब में डालें।
कछुआ तंत्र विधि पूजा के दौरान जाप किया जाने वाला मंत्र इस प्रकार है:
“ऊँ सोहम आकाश डिब्बी पाताल काटी, धरती का चूल्हा करूं आकाश को ड़ाया! नवनाथ सिद्ध होने बैठकर भंडार किया, चढ़े डिब्बे उतरे ऋद्धि-सिद्धि! काली-पीली सिर जटा माई पार्वती का उपदेश, शिव मुख आवे शक्ति मुख जावे! शिव मुख जावे हाथ खड़क तूतन की माला, जाप जपे श्री सूर्या वाला! ऋद्धि पूरे हर घृत पुरे गणेश, अलील पुरे ब्रह्मा माया पूरे महाकाली!”
इस मंत्र के जाप से तंत्र साधना में सफलता मिलती है और धन की प्राप्ति होती है। कछुआ तंत्र में विभिन्न मंत्रों का जाप महत्वपूर्ण होता है, जिससे तांत्रिक साधनाएं प्रभावी होती हैं। तंत्र साधनाओं में मंत्रों का जाप एक विशेष विधि के अनुसार किया जाता है, जिससे धन और वशीकरण की प्राप्ति होती है।
पूजा के दौरान कछुए को विशेष स्थान पर रखकर उसकी पूजा की जाती है। पूजा के दौरान कछुए के नाखून, पैर, गर्दन और दांत पर विशेष ध्यान दिया जाता है। पूजा के समय कछुए को धूप और दीप दिखाया जाता है और उसपर गंगाजल का छिड़काव किया जाता है। इससे कछुए की शक्ति और प्रभाव बढ़ता है और तांत्रिक साधनाओं में सफलता मिलती है।
साधना के दौरान पूजा विधि का पालन करना जरूरी होता है। पूजा के दौरान मंत्रों का सही उच्चारण और विधि का पालन करने से तंत्र साधनाएं प्रभावी होती हैं। तंत्र साधनाओं में कछुए की पूजा का विशेष महत्व होता है, जिससे वशीकरण और धन प्राप्ति की साधनाएं सफल होती हैं।
कछुआ तंत्र की प्राचीन मान्यताएं
तंत्र की मान्यताएं प्राचीन काल से चली आ रही हैं। विभिन्न पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में कछुए का विशेष महत्व बताया गया है। हिन्दू धर्म में कूर्म अवतार का वर्णन है, जिसमें भगवान विष्णु ने कछुए का रूप धारण किया था। कछुए को शुभ और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है और उसकी पूजा से घर में धन और सुख-समृद्धि आती है।
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साधनाओं में कछुए के अंगों का विशेष महत्व होता है। तंत्र साधनाओं में कछुए के नाखून, पैर, गर्दन और दांत का उपयोग किया जाता है। कछुआ तंत्र में पूजा विधि का पालन और मंत्रों का जाप करने से तंत्र साधनाएं प्रभावी होती हैं और धन प्राप्ति होती है।
साधनाएं नवरात्रि से दीपावली के बीच की जाती हैं, जब तांत्रिक साधनाओं का विशेष महत्व होता है। इन दिनों में कछुओं की मांग बढ़ जाती है और लोग धन प्राप्ति और वशीकरण के लिए कछुए की पूजा करते हैं। कछुआ तंत्र में कछुए की पूजा से धन और वशीकरण की साधनाएं सफल होती हैं और लोगों को आर्थिक लाभ प्राप्त होता है।
कछुआ तंत्र की वैज्ञानिक व्याख्या : कछुआ तंत्र की पूजा
कछुआ तंत्र की मान्यताओं को लेकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी महत्वपूर्ण है। वैज्ञानिक दृष्टि से कछुए की पूजा और तंत्र साधनाएं अंधविश्वास मानी जा सकती हैं, लेकिन इसके पीछे का मनोवैज्ञानिक प्रभाव महत्वपूर्ण होता है। कछुए की पूजा और तंत्र साधनाओं से व्यक्ति के मन में विश्वास और आत्मविश्वास बढ़ता है, जिससे वे अपने कार्यों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
कछुए के अंगों का उपयोग तांत्रिक साधनाओं में किया जाता है, जिससे व्यक्ति को मानसिक और भावनात्मक रूप से सशक्त बनाया जाता है। कछुआ तंत्र में पूजा विधि का पालन और मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति के मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
कछुआ तंत्र की वैज्ञानिक व्याख्या में तंत्र साधनाओं के पीछे के मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक प्रभावों को समझना महत्वपूर्ण होता है। तंत्र साधनाओं में कछुए की पूजा से व्यक्ति के मन में विश्वास और आत्मविश्वास बढ़ता है, जिससे वे अपने कार्यों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
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